सोमवार, 20 मई 2019

विघटन के नियम Laws of Disintegration

रेडियोसक्रिय विघटन के नियम निम्नलिखित हैं–

  1. किसी रेडियोसक्रिय तत्व के सभी नाभिकों की क्षय होने की प्रायिकता सामान है। 
  2. किसी रेडियोसक्रिय तत्व के स्वतः विघटन (spontaneous disintegration) की दर उस समय उपस्थित सक्रीय नाभिकों की संख्या के अनुक्रमानुपाती होती है। यहाँ सक्रीय नाभिक समान तत्व (element) के नाभिकों के लिए कहा गया है।
गणितीय रूप में
{\displaystyle \color {blue}{\frac {dN}{dt}}\propto N}                                     .... (1)

जहाँ N, समय t पर उपस्तित परमाणुओं की संख्या है। dN/dt समय के साथ परमाणुओं/नाभिकों की संख्या में परिवर्तन की दर है। समीकरण (1) में अनुक्रमानुपाती चिह्न हटाने पर 
{\displaystyle \color {blue}{\frac {dN}{dt}}=-\lambda N}                                          .... (2)
यहाँ λ अनुक्रमानुपाती नियतांक है जिसे उस तत्व के क्षयांक अथवा क्षय नियतांक (decay constant) के रूप में जाना जाता है। क्षयांक का मात्रक प्रति सैकण्ड होता है, जिसे उदहारण संख्या 1 और 2 में अधिक स्पष्ट किया गया है। यहाँ ऋणात्मक चिह्न यह प्रदर्शित करता है कि समय (t) में वृद्धि के साथ-साथ सक्रीय नाभिकों की संख्या (N) के मान में कमी होती है। समीकरण (2) से 

{\displaystyle \color {blue}{\frac {dN}{N}}=-\lambda t}                                  .... (3)
समीकरण (3) का समाकलन करने पर 


{\displaystyle \color {blue}\int {\frac {dN}{N}}=-\lambda \int t+c}
 अर्थात्
  {\displaystyle \color {blue}\ln(N)=-\lambda t+c}                          .... (4)
जहाँ c समाकलन नियतांक है तथा इसे प्रारंभिक स्थिति से ज्ञात किया जा सकता है। माना t = 0 पर रेडियोसक्रिय तत्व में परमाणुओं की संख्या N0 है। अतः 
c = ln (N0)           .... (5)
अर्थात्
ln (N) =  – λ t + ln (N0)           (6)
या
{\displaystyle \color {blue}ln\left({\frac {N}{N_{0}}}\right)=-\lambda t}                 .... (7)
अथवा
{\displaystyle \color {blue}N=N_{0}e^{-\lambda t}}        .... (8)
इसकी चरघातांकी प्रकृति से सिद्ध होता है कि रेडियोसक्रिय पदार्थ के पूर्ण रूप से क्षय (विघटित) होने में अनंत समय लगेगा। यह क्षय का चरघातांकी नियम कहलाता है। इसे निम्नलिखित चित्र में दर्शाया गया है। 
चित्र 1 : क्षय के चरघातांकी नियम का आरेख
उदाहरण 1: यदि किसी पदार्थ का क्षयांक 0.1 प्रति सैकण्ड है तो प्रथम सेकण्ड में विघटित कणों की प्रतिशत संख्या ज्ञात करो। If a matter has decay constant 0.1 per second then calculate percentage number of particles decaying in first second.
हल : दिया गया है – 
λ = 0.1 s–1
t = 1 s
{\displaystyle \color {blue}N=N_{0}e^{-\lambda t}}
अतः विघटित कणों की संख्या (N0 – N)
विघटित कणों की प्रतिशत संख्या  
{\displaystyle \color {blue}{\frac {N_{0}-N}{N_{0}}}\times 100\%}
{\displaystyle \color {blue}={\frac {N_{0}-N_{0}e^{-\lambda t}}{N_{0}}}\times 100\%}
{\displaystyle \color {blue}=(1-e^{-\lambda t})\times 100\%}
{\displaystyle \color {blue}=(1-e^{-0.1\times 1})\times 100\%}
= 9.52 %

उदाहरण 2: क्षयांक के व्युत्क्रम समय में विघटित कणों की संख्या कीजिए।  Calculate number of particles decaying in the inverse time of decay constant. (given t = 1/λ ).
हल : दिया गया है –
{\displaystyle \color {blue}t={\frac {1}{\lambda }}}
विघटित कणों की संख्या {\displaystyle \color {blue}=N_{0}-N=N_{0}-N_{0}e^{-\lambda t}}
{\displaystyle \color {blue}=N_{0}(1-e^{-1})}
= 0.63 N0
अर्थात (1/क्षयांक) समय में प्रारंभिक संख्या के 63% परमाणु विघटित हो जायेंगे। अन्य शब्दों में, समय का वह व्युत्क्रम मान जिसमें 63% कण विघटित (37% बचे) हो जायें, क्षयांक कहलाता है।


सक्रियता और इसका मात्रक (Activity and it's Units)

किसी रेडियोसक्रिय नाभिक की सक्रियता (A), इकाई समय में विघटित कणों की संख्या के रूप में परिभाषित की जाती है।
{\displaystyle \color {blue}A=-{\frac {dN}{dt}}=\lambda N}     .... (9)
यहाँ N का मान समीकरण (8) से रखने पर 
{\displaystyle \color {blue}A=\lambda N_{0}e^{-\lambda t}}       .... (10)
A10 =λN0 रखने पर
{\displaystyle \color {blue}A=A_{0}e^{-\lambda t}}       .... (11)
उपरोक्त सम्बंध में A10, समय = 0 पर सक्रियता है। इसका अंतर्राष्ट्रीय मात्रक (SI units) बैकेरल (Becquerel  अथवा Bq) है, जिसे रेडियोसक्रियता की खोज करने वाले वैज्ञानिक हेनरी बैकेरल के सम्मान में रखा गया।
1 बैकेरल = 1Bq = 1 विघटन प्रति सेकण्ड (dps)
इसके अन्य मात्रक क्यूरी (Curie अथवा Ci) और रदरफोर्ड (R) हैं। 
1 क्यूरी (Ci) = 3.7×1010 विघटन/सेकण्ड = 3.7 GBq तथा रदरफोर्ड = 1MBq

उदाहरण 3 : 1010 Bq में कितने क्यूरी होते हैं? How many curies are there in 1010 Bq?
हल : हम जानते हैं 
3.7×1010 Bq = 1 Ci
अतः 
{\displaystyle \color {blue}10^{10}Bq={\frac {1}{3.7\times 10^{10}}}\times 10^{10}Ci}
= 0.27 Ci

उदाहरण 4 :10 ग्राम Th-232 की सक्रियता ज्ञात करो। Calculate the activity of 10 gm Th-232. दिया गया है Given λ232Th = 1.58×10-18 s-1
हल : 1 ग्राम मोल Th-232 = 232 ग्राम Th-232
= 6.023 × 1023 परमाणु (Th-232 के)
अतः 10 ग्राम में परमाणुओं की संख्या 
{\displaystyle \color {blue}={\frac {6.023\times 10^{23}}{232}}\times 10}
= 2.596 × 1022 परमाणु
अतः सक्रियता 
A = N λ -2.596 × 1022 × 1.58 × 10-18 dps
= 4.104 × 104 विघटन प्रति सेकण्ड 


अर्ध-आयु (Half-life)

रदरफोर्ड ने 1904 में रेडियोसक्रिय पदार्थों के लिए अर्ध-आयु (half-life अथवा t1/2) प्रस्तावित की। यदि रेडियोसक्रिय नाभिकों का लाक्षणिक गुण है। अर्ध-आयु रेडियोसक्रिय नाभिकों के विघटन से उनकी प्रारम्भिक संख्या आधी रहने में लगने वाला समय कहलाता है। यदि किसी रेडियोसक्रिय पदार्थ के नाभिकों की वर्त्तमान संख्या N0 है तो एक अर्ध-आयु के बाद यह संख्या {\displaystyle \color {blue}{\frac {N_{0}}{2}}} रह जाती है।  अतः 
{\displaystyle \color {blue}N={\frac {N_{0}}{2}}}         .... (12)
या
{\displaystyle \color {blue}{\frac {N_{0}}{2}}=N_{0}e^{-\lambda t_{1/2}}}        ....(13)
या 
{\displaystyle \color {blue}{\frac {1}{2}}=e^{-\lambda t_{1/2}}}
या 
{\displaystyle \color {blue}e^{\lambda t_{1/2}}=2}
या 
{\displaystyle \color {blue}t_{1/2}={\frac {\log _{e}2}{\lambda }}}
या 
{\displaystyle \color {blue}t_{1/2}={\frac {0.693}{\lambda }}}         .... (14)

अर्थात किसी रेडियोसक्रिय पदार्थ की अर्ध-आयु उसके क्षय नियतांक के व्युत्क्रमानुपाती होती है। क्षय नियतांक का मान अधिक होने से यह प्रदर्शित होता है कि उस रेडियोसक्रिय पदार्थ की अर्ध-आयु कम है। उपरोक्त सम्बद्ध को अन्य रूप में निम्न प्रकार ज्ञात किया जा सकता है –
माना किसी रेडियो सक्रिय पदार्थ में प्रारम्भिक कणों की संख्या है N0 जिसकी अर्ध-आयु t1/2  है। अतः 
t1/2 समय पश्चात् शेष कणों की संख्या 
{\displaystyle \color {blue}={\frac {N_{0}}{2}}}
या  2 t1/2 समय पश्चात् शेष कणों की संख्या 
{\displaystyle \color {blue}={\frac {N_{0}}{4}}={\frac {N_{0}}{2^{2}}}}
इसी प्रकार n अर्ध आयुकाल पश्चात् शेष कणों की संख्या 
{\displaystyle \color {blue}N={\frac {N_{0}}{2^{n}}}=N_{0}\times 2^{-n}}                    ....  (15)

उपरोक्त गणना n के केवल प्राकृत मानों (1, 2, 3, ...) के लिए की गई है लेकिन सूत्र (3.15) n के सभी वास्तविक मानों के लिए सत्य है। 
अतः किसी समय पर शेष कणों की संख्या N है तो t समय में अर्ध-आयु कालों की संख्या 
{\displaystyle \color {blue}n={\frac {t}{t_{1/2}}}}
समीकरण (15) से 
{\displaystyle \color {blue}N=N_{0}2^{-t/t_{1/2}}}
चूँकि {\displaystyle \color {blue}e^{a~~ln~x}=x^{a}} अथवा {\displaystyle \color {blue}e^{a~~ln~2}=2^{a}} से 
{\displaystyle \color {blue}N=N_{0}2^{-t/t_{1/2}}=N_{0}e^{-{\frac {t}{t_{1/2}}}~ln~2}}
{\displaystyle \color {blue}=N_{0}e^{-{\frac {ln~2}{t_{1/2}}}t}}
उपरोक्त समीकरण को समीकरण (8) और (14) से भी प्राप्त किया जा सकता है। जहाँ {\displaystyle \color {blue}{\frac {ln~2}{t_{1/2}}}} क्षयांक को निरूपित करता है। 

उदाहरण 5 : किसी 214 परमाणु भार वाले रेडियोसक्रिय पदार्थ के 1 क्यूरी नमूने का द्रव्यमान क्या होगा? इसकी अर्ध-आयु 26.8 मिनट है।What will be the mass of 1 Curie sample of a radioactive substance of atomic mass 214? Its half-life is 26.8 min.
हल : दिया गया है :
सक्रियता A = 1 Ci = 3.7 × 1010 dps
अर्ध-आयु  t1/2 = 26.8 min = 1608 s
क्षयांक 
{\displaystyle \color {blue}\lambda ={\frac {0.693}{t_{1/2}}}}
{\displaystyle \color {blue}={\frac {0.693}{1608}}s^{-1}}
4.31 × 10–1 s–1 
माना 1 Ci सक्रियता वाले नमूने का द्रव्यमान m है। 
अतः 
214 ग्राम सक्रिय पदार्थ में परमाणुओं की संख्या = 6.023×1023
या m ग्राम सक्रिय पदार्थ में परमाणुओं की संख्या 
{\displaystyle \color {blue}={\frac {6.023\times 10^{23}}{214}}\times m} परमाणु

सक्रियता A = λN
अतः 
{\displaystyle \color {blue}3.7\times 10^{10}=4.31\times 10^{-4}\times {\frac {6.023\times 10^{23}}{214}}m}
{\displaystyle \color {blue}\Rightarrow m={\frac {3.7\times 10^{10}\times 214}{4.31\times 10^{-4}\times 6.023\times 10^{23}}}}
= 3.05 × 10-8 ग्राम

उदाहरण 6 : U-238 की α-क्षय अर्ध-आयु 4.5 × 109 वर्ष है।  एक किलोग्राम U-238 की सक्रियता ज्ञात करो। The half-life of U-238 in α-decay is 4.5 × 109 years. Calculate activity of U-238 of 1 Kg.
हल : 
{\displaystyle \color {blue}\lambda ={\frac {0.693}{t_{1/2}}}={\frac {0.693}{1.419\times 10^{17}}}}
1000 ग्राम U-238 में परमाणुओं की संख्या 
{\displaystyle \color {blue}={\frac {1000}{238}}\times 6.023\times 10^{23}}
सक्रियता 
{\displaystyle \color {blue}A=\lambda N={\frac {0.693}{1.419\times 10^{17}}}\times {\frac {1000}{238}}\times 6.023\times 10^{23}}

= 1.236 × 107 dps
= 3.34 × 10–4 Ci

उदाहरण 7 : एक मिलीग्राम रेडियोसक्रिय पदार्थ जिसकी अर्ध-आयु 1600 वर्ष है और इसे 2000 वर्ष तक रखा जाता है। इस समय में क्षयित द्रव्यमान ज्ञात करो। One milligram of a radioactive material with half-life of 1600 years is kept for 2000 years. Calculate the mass, which would have decayed by this time.
हल : दिया गया है :
अर्ध-आयु  t1/2 = 1600 वर्ष
अतः क्षयांक 
{\displaystyle \color {blue}\lambda ={\frac {0.693}{t_{1/2}}}}
{\displaystyle \color {blue}={\frac {0.693}{1600}}=4.332\times 10^{-4}}वर्ष–1
अतः 
{\displaystyle \color {blue}{\frac {N}{N_{0}}}=e^{4.332\times 10^{-4}\times 2000}=e^{0.8663}}
= 2.378
यदि t = 0 पर प्रारम्भिक नाभिकों की संख्या N0 है और उनका द्रव्यमान m है। इसी प्रकार t = 2000 वर्ष पर नाभिकों की संख्या N और उनका द्रव्यमान m है तो 
{\displaystyle \color {blue}{\frac {N_{0}}{N}}={\frac {m_{0}}{m}}}
{\displaystyle \color {blue}\Rightarrow {\frac {N_{0}}{N}}={\frac {m_{0}}{m}}=2.378}
दिया गया है
m0  = 1 मिलीग्राम  = 1 mg
अतः 
{\displaystyle \color {blue}{\frac {m_{0}}{m}}=2.378} से
{\displaystyle \color {blue}m={\frac {1}{2.378}}~~mg}
= 0.4205 मिलीग्राम 
अतः बचे हुए रेडियोसक्रिय पदार्थ का द्रव्यमान 
= 1 – 0.5795 मिलीग्राम

उदाहरण 8 : किसी नाभिक की सक्रियता 10 दिन में अपने मूल से 15% कम हो जाती हैं। इसकी अर्ध-आयु ज्ञात करो। The activity of a certain nuclide decreases to 15% of its original value in 10 days. Find its half-life.
हल : दिया गया है :
t = 10 दिन 
माना प्रारम्भिक सक्रियता A0 है।
अतः 10 दिन बाद सक्रियता 
{\displaystyle \color {blue}={\frac {15}{100}}A_{0}}
{\displaystyle \color {blue}A=A_{0}e^{-\lambda t}}
अतः
{\displaystyle \color {blue}{\frac {15}{100}}A_{0}=A_{0}e^{-\lambda \times 10}}
{\displaystyle \color {blue}\Rightarrow e^{-10\lambda }=0.15}
{\displaystyle \color {blue}\Rightarrow e^{10\lambda }={\frac {1}{0.15}}=6.6667}
{\displaystyle \color {blue}\Rightarrow 10\lambda =\log _{e}(6.6667)=1.8971}
 λ = 0.18971 प्रति दिन 
{\displaystyle \color {blue}t_{1/2}={\frac {0.693}{\lambda }}={\frac {0.693}{0.1893}}}
 = 3.65 दिन 


माध्य आयु (Average or Mean life)

जैसा कि हम पढ़ चुके हैं कि किसी पदार्थ के पूर्ण क्षय में लगने वाला समय अनन्त है तथा यह नहीं बताया जा सकता कि कौनसा परमाणु कब विघटित होगा। अर्थात किसी विशिष्ट परमाणु की आयु शून्य से अनन्त तक कुछ भी सम्भव है। इसे समझने के लिए सोडी (Soddy) ने सन् 1904 में औसत अथवा माध्य आयु (τ) की अवधारणा दी। माध्य आयु किसी रेडियोसक्रिय पदार्थ की क्षय होने की औसत आयु प्रत्याशा (average life expectation) है। अतः माध्य आयु की गणना सभी नाभिकों के जीवनकाल का योग करके नाभिकों की कुल संख्या का भाग देने से प्राप्त होती है। माना dN1 नाभिक t1 समय में, dN2 नाभिक t2 समय में, dN3 नाभिक  t3 समय में और इसी तरह विघटित होते हैं। अतः माध्य आयु 
{\displaystyle \color {blue}\tau ={\frac {t_{1}dN_{1}+t_{2}dN_{2}+t_{3}dN_{3}+...}{dN_{1}+dN_{2}+dN_{3}+...}}}               .... (16)
इस समीकरण को समाकलन रूप में लिखने पर 
{\displaystyle \color {blue}\tau ={\frac {\int _{0}^{N_{0}}tdN}{\int _{0}^{N_{0}}dN}}}                 .... (17)
चूँकि 
{\displaystyle \color {blue}\int _{0}^{N_{0}}dN=N_{0}}
अतः 
{\displaystyle \color {blue}\tau ={\frac {1}{N_{0}}}\int _{0}^{N_{0}}tdN}                           .... (18)
जहाँ N0 प्रारम्भिक अवस्था में कुल रेडियोसक्रिय परमाणुओं की संख्या है। गणना करने पर
 {\displaystyle \color {blue}\tau ={\frac {1}{\lambda }}}             .... (19)
{\displaystyle \color {blue}\tau ={\frac {t_{1/2}}{0.693}}}              .... (20)
यहाँ समीकरण (19) माध्य आयु और क्षयांक में सम्बन्ध को तथा समीकरण (20) माध्य आयु और अर्ध-आयु में सम्बन्ध को निरूपित कराती है।
उदाहरण 9 : यदि किसी पदार्थ की अर्ध-आयु मिनट है तो उसकी माध्य आयु और क्षयांक की गणना करो। If a material has half life equal to one minute. Calculate the mean life and decay constant.
हल : दिया गया है —                 t1/2 = 1 मिनट 
समीकरण से (3.14) से
{\displaystyle \color {blue}t_{1/2}={\frac {0.693}{\lambda }}}
या क्षयांक 
{\displaystyle \color {blue}\lambda ={\frac {0.693}{t_{1/2}}}}
λ = 0.693 प्रति मिनट
समीकरण (14) से माध्य आयु
 {\displaystyle \color {blue}\tau ={\frac {1}{\lambda }}}
= 1 / ( 0.693 प्रति मिनट)
 = 1.44 मिनट 

उदाहरण 9 : किसी पदार्थ में प्रारम्भिक कणों की संख्या 10000 है तथा उसकी अर्ध-आयु  10 मिनट है। अतः प्रारम्भिक 5 मिनट, 20 मिनट और 40 मिनट पश्चात् अविघटित कणों की संख्या ज्ञात करो। If a material has 1000 initial particles and its half life is 10 minutes. Calculate the number of non-decaying particles after initial 5 minutes, 20 minutes and 40 minutes.
हल : दिया गया है मिनट —                         t1/2 = 10 मिनट
अर्थात 10 मिनट पश्चात् अविघटित कणों की संख्या = 5000
इसी 20 तरह मिनट पश्चात् अविघटित कणों की संख्या = 2500
और 40 मिनट पश्चात् अविघटित कणों की संख्या  =2500/2 = 1250
समीकरण (8) से 
{\displaystyle \color {blue}N=N_{0}e^{-\lambda t}}
समीकरण (14) से λ का मान ज्ञात रखने पर 
{\displaystyle \color {blue}N=N_{0}e^{-{\frac {0.693t}{t_{1/2}}}}}
t = 5 मिनट के लिए 
{\displaystyle \color {blue}N=10000\times exp\left(-{\frac {0.693\times 5}{10}}\right)}
≈ 7071


अल्पस्थायी साम्य (Transient equilibrium)

कुछ रेडियोसक्रिय पदार्थ विघटन के पश्चात् भी एक रेडियोसक्रिय नाभिक का निर्माण करते हैं तथा विघटन के पश्चात् प्राप्त नाभिकों की अर्ध आयु मूल नाभिकों से भी कम होती है।* इस अवस्था में कुछ समय पश्चात् मूल नाभिक के विघटन से निर्मित नाभिकों की सक्रियता, मूल नाभिकों की सक्रियता के साथ एक साम्यावस्था को प्राप्त होती है जिसे अल्पस्थायी साम्य कहते हैं।
यदि मूल नाभिक की सक्रियता Ap तथा व्युत्पन्न नाभिक की सक्रियता Ad है तो साम्यावस्था सम्बन्ध निम्न प्रकार दिया जाता है — 
{\displaystyle \color {blue}{\frac {A_{d}}{A_{p}}}={\frac {T_{p}}{T_{p}-T_{d}}}}
यदि व्युत्पन्न नाभिक का अर्ध-आयुकाल मूल नाभिक से बहुत कम है अर्थात  Tp >> Td तो 
{\displaystyle \color {blue}{\frac {A_{d}}{A_{p}}}\approx 1}
इस नाभिक को अनन्त साम्य कहते हैं जिसमें मूल नाभिक तथा व्युत्पन्न नाभिकों की सक्रियता लगभग समान होती है। 


चित्र 2 : अल्पस्थायी साम्य

Formula can be written using help of text written bellow in html form.
* विघटन के पश्चात् प्राप्त नाभिक का अर्ध-आयुकल मूल नाभिक के अर्ध-आयुकाल की तुलना में नगण्य होने पर यह साम्य प्राप्त नहीं होता।